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अक़ायदे नूर

अक़ायदे नूर

अक़ायदे नूर

Publish number :

दूसरा

Publication year :

2009

Number of volumes :

1

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अक़ायदे नूर

इंसान तीन चीज़ों का मजमूआ है: अफ़कार ,सिफ़ात और किरदार। अगर यह तीनों चीज़ें सही जेहत और सही रास्ते पर हों तो इँसान अपने हदफ़ यानी मंज़िल कमाल तक पहुचता है अब अगर कोई दीन इंसान को ख़ुशबख़्त बनाना चाहता है तो उसे ऊपर बयान की गई तीनों चीज़ों का अहल होना ज़रूरी है। दीने इस्लाम तन्हा वह दीन है जिसने तीनों जिहात पर ख़ुसूसी तवज्जो दी है और इस सिलसिले में अहकाम व दस्तूरात बयान कियह हैं ,उन तीनों में से इल्मे अख़लाक़ इंसानी सिफ़ात को सँवारता है ,फ़ुरु ए दीन उस के रफ़तार व किरदार को बनाते हैं ,उसूले दीन इंसान के अफ़कार व नज़रियात को जेहत देते हैं। नूर इस्लामिक मिशन ,तबलीग़े दीन के हवाले से हकी़क़ी इस्लाम को पहचनवाने और अफ़राद की सही इस्लामी तरबीयत के लिऐ तीनों जिहात पर काम कर रहा है। इसी सिलसिले की एक कड़ी “अक़ायदे नूर ” बाज़ अहम और ज़रूरी मौज़ूआत पर पाठ (सबक़) की सूरत में आप के हाथों में है।