नमाज (मय तरजुमा)
नमाज (मय तरजुमा)
Author :
Publisher :
Publish number :
पहला
Publication year :
2009
Publish location :
लखनऊ
Number of volumes :
1
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नमाज (मय तरजुमा)
प्रार्थना को इस्लाम के महत्वपूर्ण और मुख्य कर्तव्यों में से एक माना जाता है, जो इस्लाम का दूसरा स्तंभ है और भगवान और उसके सेवकों के बीच संचार का कारक है। इस्लाम में इस कर्तव्य का महत्व इतना है कि इसे धर्म का स्तंभ कहा जाता है। पवित्र पैगंबर (PBUH) कहते हैं: "प्रार्थना आपके धर्म की नींव और स्तंभ है।" यह किताब प्रार्थना के बारे में लिखी गई है