इमाम महदी (अ) क़ुरआन और दीगर आसमानी किताबों में
इमाम महदी (अ) क़ुरआन और दीगर आसमानी किताबों में
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इमाम महदी (अ) क़ुरआन और दीगर आसमानी किताबों में हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का नामे नामी तमाम आसमानी किताबों तौरैत, ज़बूर, इन्जील में मौजूद है। क़ुरआने करीम की कई आयात में आपके बारे में तफ़्सीर व तावील की गई है। पैगम्बरे इस्लाम (स.) की ज़बाने मुबारक से मक्के, मदीने में, मेराज के मौक़े पर और दूसरी मुनासेबतों पर तमाम ही आइम्मा-ए मासूमीन के बारे मुख़तलिफ़ हदीसे जारी हुई हैं। अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का नामे नामी तमाम आसमानी किताबों तौरैत, ज़बूर, इन्जील में मौजूद है। क़ुरआने करीम की कई आयात में आपके बारे में तफ़्सीर व तावील की गई है। पैगम्बरे इस्लाम (स.) की ज़बाने मुबारक से मक्के, मदीने में, मेराज के मौक़े पर और दूसरी मुनासेबतों पर तमाम ही आइम्मा-ए मासूमीन के बारे मुख़तलिफ़ हदीसे जारी हुई हैं। अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने भी अपने बेटे महदी का ज़िक्र किया और हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा ने भी इमाम महदी का तज़केरा फ़रमाया है। इसी तरह हज़रत इमाम हसन और हज़रत इमाम हुसैन हज़रत इमाम सज्जाद हज़रतिमाम बाक़िर हज़रत इमाम सादिक़ हज़रत इमाम रिज़ा हज़रत इमाम मुहम्द तक़ी हज़रत इमाम अली नक़ी व हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिमु अस्सलाम ने भी अपने बेटे इमाम महदी का ज़िक्र किया है। पैग़म्बरे इस्लाम (स.) के असहाब में से अबू बकर, उमर, उस्मान, अब्दुल्लाह इब्ने उमर, अबू हुरैरा, समरा बिन जुन्दब, सलमान, अबुज़र, अम्मार और इनके अलावा भी बहुत से असहाब ने हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का ज़िक्र किया है। पैग़म्बरे इस्लाम (स.) की बीवियों में से आइशा, हफ़सा, उम्मे सलमा और कई दूसरी बीवियों ने हज़रत इमाम महदी का ज़िक्र किया है। ताबेईन में औन बिन हुजैफ़ा, इबादियः बिन रबी और क़ुतादा जैसे अफ़राद ने इमाम महदी अलैहिस्सलाम का ज़िक्र किया है। तफ़्सीर की किताबों में से, तफ़्सीरे तबरी, तफ़्सीरे राज़ी, तफ़्सीरुल ख़ाज़िन, तफ़्सीरे आलूसी, तफ़्सीरे इब्ने असीर, तफ़्सीरे दुर्रुल मनसूर वग़ैरह में आप हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का ज़िक्र पायेंगे। इसी तरह आपको सहाए सित्ता, बुख़ारी, मुस्लिम, इब्ने माजा, अबू दाऊद, निसाई और अहमद में भी हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का ज़िक्र मिलेगा। हदीस की दूसरी किताबें जैसे मुस्तदरके सहीहैन, मजमा उज़ ज़वाइद, मुसनदे शाफ़ई, सुनने दार क़ुतनी, सुनने बहीक़ी, मुसनदे अबी हनीफ़ा, क़न्ज़ुल उम्माल बग़ैरा में हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का ज़िक्र मौजूद है। तारीख़ की किताबों में से तारीख़े तबरी, तारीख़े इब्ने असीर, तारीख़े मसूदी, तारीख़े सयूती, तीरीख़े इब्ने ख़लदून वग़ैरा में भी हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के बारे में लिखा गया है। मुसलमानों के मुख़तलिफ़ फ़िर्क़ों के उलमा हज़रत इमाममहदी पर एतेक़ाद रखते हैं। उन्होंने इसका ज़िक्र अपनी किताबों, ख़ुत्बों वग़ैरा में कसरत से किया है। इन उलमा में हनफ़ी, शाफ़ी, हम्बली और मालकी सभी शामिल हैं। इनके अलावा भी दूसरे मज़हबों के उलमा और उनके मानने वालों ने हज़रत का ज़िक्र किया है। क़ुरआनीमुक़ारेनत क़ुरआने करीम पर तहक़ीक़ी नज़र डालने से हम इन नतीजों पर पहुँचते हैं।