सवेरे- सवेरे- 13
सवेरे- सवेरे- 13
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हज़रत ईसा मसीह(अ) कहते हैः मैंने रोगियों का इलाज किया और उन्हें स्वस्थ कर दिया, जन्म जात अन्धे और कोढ़ के रोगी को ईश्वर की अनुमति से अच्छा कर दिया, मुर्दों को जीवित कर दिया परन्तु मूर्ख व्यक्ति को न सुधार सका न स्वस्थ बना सका। उनसे किसी ने प्रश्न किया कि आपकी दृष्टि में मूर्ख कौन है? हज़रत ईसा ने उत्तर दियाः आत्म-मुग्ध एवं स्वार्थी व्यक्ति जो हर प्रकार की विशेषता एवं महत्व को अपने से विशेष समझता है, हर अधिकार केवल अपने लिये स्वीकार करता है तथा दूसरों को किसी प्रकार का सम्मान नहीं देता। इस प्रकार के मूर्ख का न इलाज हो सकता है न उसे सुधारा जा सकता है। समय की कमीः आज के मशीनी युग में होना तो यह चाहिये था कि लोगों के पास समय बचा रहता और सारे काम पूरे हो जाया करते परन्तु हुआ यह कि हर एक के पास समय की कमी रहने लगी और सिर पर यह बोझ रहने लगा कि इतने सारे काम कैसे पूरे होंगे। फिर यह बोझ एक निरन्तर तनाव का कारण बन गया और अब यह सोचा जा रहा है कि इस तनाव से कैसे निप्टा जाये। तो इसके लिये कुछ बिंदुओं पर ध्यान देने को कहा गया हैः (1) सब से पहले अपने प्रति दिन के कामों की सूचि तय्यार करें। इसमें वह काम भी लिख लें जो आप निकट भविष्य में करना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त संक्षेप में यह भी लिखें कि यह काम आप कैसे करेंगे और किस समय करेंगे। जो काम आपकी दिनचर्या में सम्मिलित हैं उनके लिये पूरे सप्ताह में समय निर्धारित कर लें। सभी कार्यों को कर्मबध्द रूप में लिखें और उसी के अनुसार उन्हें करने का प्रयास करें। (2) हर सप्ताह के आरम्भ में अपनी साप्ताहिक ज़िम्मेदारियों को इस प्रकार नियोजित करें कि सप्ताह के अन्त सें छुट्टी के दिनों में आरतो मांसिक रूप से भी आराम मिल सके। उदाहरण स्वरूप सोमवार से बुधवार तक ऐसे कार्यों को अपनी सूचि में रखें जिनमें मांसिक शक्ति का प्रयोग अधिक होता हो। गुरूवार व शुक्रवार के लिये ऐसे कार्य दृष्टि में रखें जिनमें शारीरिक शक्ति अधिक लगती हो। इस प्रकार आप शनिवार और रविवार को पूर्ण सन्तोष के साथ अपने मनचाहे कार्यों को भी कर सकेंगे और जीवन का आनन्द भी उठा सकेंगे। (3) अपने हाथ में थोड़ा सा ख़ाली समय या अतिरिक्त समय रखने का प्रयास करें। रात को आधा घंटा देर से सोकर या प्रातकाल आधा घंटा जल्दी उठ कर आप आधे घंटे का अतिरिक्त समय अपने पास रख सकते हैं।यह समय किसी ऐसे कार्य के लिये प्रयोग किया जासकता है जो अचानक ही आ पड़े। (4) यह भी देखने में आता है कि हम अपने बहुत से कामों को करने में इस लिये अक्षम रह जाते हैं क्योंकि अपने कुछ कामों को दूसरों के हवाले करने या दूसरों से सहायता लेने पर मान्सिक रूप से स्वयं को तय्यार नहीं कर पाते। इसका कारण यह है कि हमें दूसरों पर भरोसा नहीं होता कि वे उस काम को अच्छी तरह कर पाएंगे। परन्तु आपको यह सोचना चाहिये कि अमुक काम न हो पाये यह ठीक है या यह कि वह काम साधारण रूप में पूरा कर लिया जाए। यदि हम ने और आपने दूसरों पर भरोसा करना न सीखा तो फिर हमारे आराम का समय भी कामों में बीत जाएगा और अन्त में मान्सिक तनाव और शारीरिक थकन ही हाथ आयेगी। यह भी याद रखें कि कामोंको बांटना भी एक महत्वपूर्ण कला है और प्रबंधकों को यह कला आनी ही चाहिये। (5) आपके सामने जब कार्यों की लम्बी सूचि हो और आप यह भी देख रहे हों कि आपके पास अतिरिक्त समय बिल्कुल नहीं है तो फिर कुछ और काम यदि आप को दिये जाएं तो आप उनको स्वीकार न कीजिये, ऐसे स्थानों पर “नहीं” कहना बहुत आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त यदि कोई बड़ा काम आप के ज़िम्मे किया जाये तो घबराएं नहीं, काम को बहुत जटिल न समझें बल्कि उसे इस प्रकार टुकड़ों में बांट लें कि हर टुकड़ा अपनी जगह पर सरल और छोटा हो जाये। (6) एक भावना जो मनुष्य को बहुत से कार्यों से रोक देती है वह है उत्तम परिणाम प्राप्त करने की भावना। उत्तम परिणाम के लिये आप मेहनत से अच्छा काम करते रहें बस इतना ही पर्याप्त है वरना बहुत से महत्वपूर्ण कार्य रखे रह जाएंगे। तो इस प्रकार हम यदि इन छोटी-2 बातों पर ध्यान देने लगें तो समय की कमी का आभास भी नहीं होगा और मांसिक तनाव से भी बच सकेंगे। सरल घरेलू नुस्ख़ेः 1- यदि आपके सिर में दर्द रहता है और आप मांसाहारी हैं तो मछली का प्रयोग अपने खाने में बढ़ा दें। वैसे अदरक भी सिर के दर्द में लाभदायक है। 2- हृदय रोगों में बिना दूध वाली हल्के रंग की चाय लादायक होती है क्योंकि यह हृदय की नालियों में चर्बी जमने नहीं देती। 3- क्या आपको नींद नहीं आती? मधु का सेवन करके देखें,नींद की गोलियां खाने से बच जाएंगे। 4- सांस फूलती हो तो प्याज़ खाएं बहुत लाभ होगा । 5- हड्डियां कमज़ोर पड़ रही हों तो अनन्नास खाना आरम्भ कर दें। अनन्नास में मौजूद मैगनीशयम आपकी कठिनाई को दूर कर देगा। 6- ठंड लग गई हो तो लहसुन का प्रयोग करें। इस से कोलेस्ट्रोल भी कम होने लगता है। 7- खांसी में कहते हैं कि लाल मिर्च लाभदायक होती है परन्तु इतनी न खायें कि अमाशय आप से नाराज़ हो जाये। 8- फेफड़े के कैंसर से बचने और उसे कन्ट्रोल करने के लिये हरे रंग तथा नारंगी रंग वाली तरकारियों का प्रयोग करें। यदि अमाशय में घाव हो जाये जिसे अल्सर कहते हैं तो बंद गोभी खायें, परन्तु तेल-मसालों के साथ नहीं। 9- दस्त आरहे हों तो सेब खायें। ऐसा करें कि सेब को छिल्के सहित कद्दू-कस करें फिर थोड़ी देर छोड़ दें ताकि कत्थई रंग का होजाए तब खाएं। 10- यदि ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो तो ज़ैतून के तेल और अजमोदा का प्रयोग करें। 11- ज़ुकाम से बचने के लिये जाड़े में प्रति दिन तीन चम्मच मधु तथा गर्मी में प्रति दिन एक खीरी खाएं।